Nidhi Saxena

Add To collaction

अहमियत जल की


अहमियत जल की

एक गांव में एक जूनियर स्कूल में पानी का शीतल जल का टैंक लगाया गया । जिससे बच्चो को साफ और शीतल जल मिल सके ।
लेकिन बच्चो को जल की अहमियत ना थी । और बच्चे टंकी खुली छोड़ जाते और पानी ऐसे ही बहता रहता ।
उस स्कूल के सभी अध्यापक बहुत परेशान हुए बच्चो की इस आदत से ।
सभी अध्यापक ने बच्चो को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन बच्चो को कुछ नही समझ आया और बच्चे वही करते रहे ।
नल को खुला छोड़ देना और पानी बहता रहता ।

फिर सभी अध्यापक ने मिल कर एक योजना बनाई ।
और एक दिन शीतल जल के टैंक से पानी नही आया ।
अब सभी बच्चे बहुत परेशान हुए , मई का महीना था तो गर्मी भी बहुत थी , अब बच्चे प्यास से बेहाल होने लगे । जो पानी घर से लाते वो भी जल्द ही खत्म हो जाता । 
ये सब कब तक चलता , अब दो दिन बाद ही एक बच्चा प्यास की वजह से बेहोश हो गया ।
तब उस।बच्चे को होश में। लाया गया । और होश में बच्चे के आते ही उस स्कूल के प्रधानाध्यापक ने सभी बच्चो को प्रार्थना मैदान में बुलाया ।
और सभी बच्चे मैदान में एकत्र हुए ।
तभी प्रधानाध्यापक ने बच्चो से पूछा जानते हो ऐसा क्यों हुआ टैंक का पानी खत्म कैसे हुआ ???
सभी बच्चे शांत थे , तभी प्रधानाध्यापक ने बोला टैंक का पानी मेरे कहने से खत्म किए गया , जिससे आप सभी बच्चो को पानी की अहमियत समझ में आए ।
अगर पानी होता तो क्या बच्चा बेहोश होता ????
बच्चे बोले नही ।
तभी प्रधानाध्यापक ने कहा अब समझ आया हमे क्या करना चाहिए ???
बच्चे बोले हां , अब से हम हाथ धोते ही नल बंद करेंगे और जितना जरूरी होगा उतना ही पानी लेंगे ।

तभी से सभी बच्चे सुधर गए और पानी व्यर्थ करना बंद कर दिया ।
और सब बच्चो ने एक नारा लगाया 
 जल ना करो व्यर्थ ,
     क्योंकि जल से ही है हमारा कल ।।
          
           नीर( निधि सक्सैना)

   8
5 Comments

shweta soni

22-Dec-2022 06:30 PM

बहुत सुंदर रचना 👌

Reply

Gunjan Kamal

21-Dec-2022 10:10 AM

बेहतरीन

Reply

Punam verma

21-Dec-2022 09:36 AM

Very nice

Reply